आदमी की सबसे बड़ी कमजोरी

हम आशा करते है कि आप को suchness से बहुत कुछ सीख लिया होगा! और आप साथ-साथ अपने खाने एवं पीने पर भी ध्यान दे रहे होंगे तथा साथ-साथ ध्यान की विधियां भी प्रयोग में ला रहे होंगे! आप इन्हे सुचारु रूप से चालू रखे और नियमित रूप से करते रहे तथा कोई भी परेशानी आए तो आप हमारे से संपर्क साधे ताकि हम आपकप उचित समाधान प्रदान कर सके!

मित्रो आपने हाथी तो सभी ने देखा होगा! हाँ तो यहाँ हाथी के विषय में हे कुछ जानकारिया दी जा रही है! हाथी एक विशालकाय जानवर है, इसी हाथी में बहुत ज्यादा ताकत भी होती है! पर किसी भी हाथी को अपनी ताकत का अन्दाजा नहीं होता है हरेक हाथी सामने वाले को बड़ा और अपने को छोटा देखता है तथा अपना शरीर नहीं देख पाता है! क्योकि उसके बड़े-बड़े कान उसके विशालकाय तथा ताकतवर शरीर का ज्ञान नहीं होने देते है!

इसी तरह मानव जीवन में भी मानव के पास असीमित शक्ति का भण्डार है और हाथी की तरह यह भी अपने को दुसरो से छोटा समझता है! इस मानव प्राणी को भी इसके कान इसकी ताकत का अन्दाजा नहीं होने देते है क्योकि आप और हम सभी किसी भी बात को सुनने से हे मान लेते है तथा यह भी नहीं जानना चाहते है कि यह सही भी है या नहीं! कई बार देखा है कि आपको कोई आपका सुभचिन्तक बताता है कि कोई आपके बारे में भला-बुरा कह रहा था और आप इसी बात पर विश्वाश करके सोचने पर मजबूर होते है कि उसने ऐसा क्यों कहा तथा आप अपनी बहुत सारी शक्ति ऐसी हे बाते सुनकर खराब करते रहते है, यदि आपको किसी बात पर संदेह हो तो आप सामने वाले से संपर्क साधे और अपने बीच के गीले-सिकवे दूर कर ले ताकि आपकी बेशकिमती शक्ति बच सके और आपके अंदरूनी निर्माण में सहायक हो सके!

वैसे भी मानव की बुद्धि तीन तरह की होती है:-

  • जड़ बुद्धि या पत्थर बुद्धि
  • जल बुद्धि
  • आकाशीय बुद्धि

दोस्तों तीनो बुद्धियों का निर्माण आप स्वयं करते है! जैसे की जड़बुद्धि या पत्थर बुद्धि इसमें यही हिसाब है जैसे आपने पत्थर पर कोई लकीर खींची तो वह बहुत गहरे तक होगी और सहज नहीं मिटेगी! इसी तरह आप भी कुछ बाते इतनी गहरी बना लेते है जो जिंदगी भर नहीं भूला पाते यानी इस लकीर को नहीं मिटा पाते है!

दूसरी जल बुद्धि जैसे आपने पानी पर लकीर खींची लकीर तो बन रही है परन्तु साथ ही साथ मिट भी रही है इसमें भी आपको कुछ महसूस होगा!

तीसरी आकाशीय बुद्धि इस में आप आकाश में यानी हवा में लकीर खींचे तो आपको पता चलेगा की कोई लकीर बनी ही नहीं!

इसी तरह आप भी अपनी बुद्धि का निर्माण करे तथा आकाशीय बुद्धि प्राप्त करने का प्रयास करे! तथापि यदि आप कुछ सही नहीं सुनते अपने बारे में या कोई गलत भी कहता है तो आप स्वयं पर विश्वास रखे और तीसरी बुद्धि की तरह लकीर बनने ही न दे! यह यात्रा धीरे-धीरे आपको चौथे शरीर की और ले जा रही है! अतः आप बहुत ही सजग रहे!

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