दोस्तों आप दिनभर या फिर रात को तरह-तरह का खाना खाते रहते है और वह खाना आपके शरीर में जाकर आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, तथा इसी खाने की वजह से आप विचार भी पढ़ते है! परन्तु कभी भी यह नहीं सोचा होगा कि खाने के कौन-से तत्वों की आपके शरीर को जरुरत है! जिन्होंने थोड़ा बहुत विज्ञानं के द्वारा जाना है वो है कि खाने से ग्लूकोस शरीर बनता है और फिर वही ग्लूकोस शरीर में शक्ति का संचार करता है!
परन्तु हम इस प्रकार नहीं मानते है, जहाँ तक हम सोचते है वो आपको थोड़ा हो सकता है बेतुका लगे परन्तु यह आपको मानने पर विवश जरूर कर देगा कि सही में यही कारण है!
आप यह तो मानते ही है कि खाना खाने की बाद शरीर में कुछ रासायनिक और मानसिक घटनाएं चलती है जिससे खाने को पचाया या शरीर के द्वारा ग्रहण किया जाता है! जब हम कोई भी आहार खाते है तो वह पेट में चला जाता है, अब यह खाना तरह-तरह की खुशबुओ का जोड़ है जोकि शरीर की अंदर जाते है रासायनिक प्रक्रिया के कारण अलग-अलग प्रकार की खुशबुओ जोकि बाहर से संगृहित हुई है! उन्हें अलग-अलग कर लिया जाता है, फिर शरीर की कोशिकाएं इन सभी खुशबुओ को ग्रहण करती है और इन्ही को खून में बदल देती है जो हमारे शरीर में शक्ति का संचार करता है! अब हम आपको बताते है कि खुशबु से ही शरीर का संतुलित विकास होता है! इसके कुछ उदाहरण है!
- जब कभी कोई मानव अत्यधिक बीमार रहता है तो चिकित्सक उसको कही घूमने जाने की सलाह देता है जैसे कि खेतो में, पार्क में और जहाँ कहीं भी घूमने लायक जगह हो! जब आप प्रकृति की सानिद्य में जाते है तो आप तरह तरह की खुशबुओ को हवा की माध्यम से गृहण करते है और आप तरोताजा महसूस करते है, क्योकि यहाँ आपने खाने का सुक्ष्म रूप {खुशबु} को गृहण किया है तथा जो भी व्यायाम आप कर रहे है वह सब और ज्यादा मात्रा में गृहण करवाता है! यही कारण है कि आप नियमित रूप से तारोताजा महसूस करते है!
- मिठाई वाली दुकान के पास कुछ समय व्यतीत करने की बाद आपकी भुख गायब हो जाती है कारण वहां पर गृहण की गयी तरह-तरह की खुशबु!
इसी खुशबु के कारण ही शहद को आयुर्वेद में सम्पूर्ण आहार का दर्जा मिला है क्योकि शहद तरह-तरह की खुश्बुओ का जोड़ है और शरीर इसको सीधा गृहण करता है!
एक छोटा सा प्रयोग आप घर पर भी कर सकते है आप अपने घर पर गमलो में छोटे-छोटे फूलो के पौधे लगाए और कुछ समय इन फूलो की बीच बैठकर अनुभव करे कैसी-कैसी सुगन्ध आ रही है और फिर आप देखे आप जो हर दिन के हिसाब से खाना खाते है वह स्वयं ही धीरे-धीरे कम हो जायेगा क्योकि आप सीधे ही इसको गृहण कर रहे है इससे आपके शरीर की ऊर्जा तो बचती ही है और धीरे-धीरे शरीर के साथ-साथ आपके मन में सजगता भी बढ़ती है!
अगर उपरोक्त आप नहीं कर पा रहे है तो एक फूल खरीद कर जैसे की गुलाब, उसको सूंघे परन्तु ध्यान रहे उस पर किसी भी प्रकार का फूल बेचने वाले ने रासायनिक रूप से तैयार किया इत्र इस्तेमाल न किया हो! आप साधारण फूल ले और फिर इसे थोड़े समय की लिए सूंघे तथा अपने अंदर बदलाव को महसूस करें!